by Chirag Gadara | Apr 18, 2021 | Poetry
कौन हे तू और कहा हे तू, लोग तो कहते हे की सारा जहां हे तू, कण कण में हे तू , हर ज़रे में हे तू, फिर भी ये सवाल पूंछता हु, की कौन हे तू और कहा हे तू, शायद में तुजे जानता हु, शायद में पहचान ता भी हु, फिर भी बहोत सी बातें हे मन में, जो में समज नहीं पाता हु, जो तू हर...
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